कचनार का नाम लगभग सभी ने सुना होगा . आज हम कचनार से बनी आयुर्वेदिक औषधि कांचनार गुग्गुल के फायदे और नुकसान से सम्बंधित जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से आपसे साझा करे रहे हैं . आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी .
कचनार ( कांचनार ) का परिचय
कचनार का पेड़ लगभग 4 से 6 मीटर तक ऊंचा होता है . इसकी टहनियां कोमल और झुकी हुई होती हैं . सर्दियों में इसके पत्ते झर जाते हैं और अप्रेल से जून की मध्य नए पत्ते आते हैं . इसमें सफ़ेद , गुलाबी , बैंगनी रंग के फूल आते हैं . संस्कृत में इसे कांचनार , कोविदार भी कहते हैं . इसे कांचन , कुलाड़ आदि नामों से भी जाना जाता है .
कचनार के फूल , पत्तियाँ , छाल लगभग सभी चीजें औषधि के रूप में प्रयोग की जाती हैं . इसके फूल एवं कलियों का प्रयोग सब्जी एवं अचार के लिए भी किया जाता है .
कांचनार गुग्गुल के फायदे और नुकसान
कांचनार त्वचा रोग नाशक , कृमि नाशक , मूत्र विकार शामक , मेदोहर , गण्डमाला शामक , आर्तव स्राव स्तंभक और कफघ्न होता है . आयुर्वेद में कांचनार का विभिन्न रोगों में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है . कांचनार से निर्मित कांचनार गुग्गुलु आयुर्वेद की प्रमुख औषधियों में एक है जिसका आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा कई रोगों के उपचार हेतु प्रयोग किया जाता है . आइये जानते हैं कांचनार गुग्गुल के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं ?
कांचनार गुग्गुल के फायदे
कांचनार गुग्गुलु का आयुर्वेद में ग्रंथि और गण्डमाला रोग में विशेषतः प्रयोग किया जाता है . इसके अलावा भी विभिन्न रोगों में यह आयुर्वेद औषधि अत्यंत प्रभावकारी है और चिकित्सकों द्वारा अलग अलग रोगों में रोगोपचार हेतु प्रयुक्त होती है . कांचनार गुग्गुल के फायदे निम्नलिखित हैं –
शरीर में कहीं भी गाँठ होने पर कांचनार गुग्गुलु का प्रयोग
शरीर के किसी भी हिस्से में गाँठ होने पर कांचनार गुग्गुलु प्रभावी ढंग से कार्य करती है और इसके सेवन से गाँठ पिघल जाती है .
कांचनार गुग्गुलु का त्वचा रोगों में प्रयोग
कांचनार गुग्गुलु का रक्त विकार एवं त्वचा रोगों में जैसे दाद , खाज , खुजली , फोड़े , फुंसी आदि में भी प्रयोग किया जाता है और कांचनार गुग्गुलु के सेवन से चर्म रोगों में फायदा होता है .
पीरियड्स में अधिक खून आने पर कांचनार का प्रयोग
मासिक स्राव में अधिक खून बहने पर कांचनार के सेवन से लाभ होता है . ( यह भी पढ़ें – पीरियड्स में दर्द कैसे कम करें )
पेट में कीड़े होने पर कांचनार का प्रयोग
पेट में कीड़े होने पर कचनार की छाल का काढा बना कर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं .
कब्ज में कचनार का प्रयोग
कब्ज होने पर कांचनार के फूल की पंखुड़ियों से बने गुलकंद का सेवन करने से लाभ होता है .
कांचनार का प्रयोग प्रदर रोग में
कांचनार की पत्तियों को उबाल कर दही के रायते में देने से महिलाओं को श्वेत प्रदर ( ल्यूकोरिया ) एवं रक्त प्रदर में लाभ होता है .
कांचनार का प्रयोग दांतों के लिए
कांचनार की लकड़ी से बने कोयले द्वारा मंजन बनाकर प्रयोग करने से दांतों के दर्द में फायदा होता है .
कांचनार का प्रयोग बवासीर के इलाज में
कांचनार गुग्गुलु की गोलियों के सेवन से बवासीर के मस्सों की सूजन कम होती है और दर्द में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – बवासीर का रामबाण इलाज )
भगंदर में कांचनार गुग्गुलु का प्रयोग
भगंदर ( नासूर ) रोग होने पर कांचनार गुग्गुलु के सेवन से भगंदर में लाभ होता है .
कांचनार गुग्गुलु का गण्डमाला रोग में लाभ
कांचनार गुग्गुलु का गण्डमाला रोग में विशेष लाभ होता है और इस रोग की यह प्रमुख औधधि मानी जाती है .
कैंसर में कांचनार गुग्गुल के फायदे
रिसर्च के अनुसार कांचनार में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं . कांचनार के सेवन से कैंसर से बचाव में मदद मिलती है .
थायराइड में कांचनार का फायदा
कांचनार गुग्गुलु के सेवन से थायराइड से सम्बंधित विकारों में फायदा होता है .
मुंह के छालों में कांचनार का प्रयोग
मुंह में छाले होने पर कांचनार की छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर छालों में लाभ होता है .
प्रोस्टेट में कांचनार गुग्गुल के फायदे
पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ने पर कांचनार गुग्गुलु के सेवन से लाभ होता है और मूत्र की रुकावट में फायदा होता है . ( यह भी पढ़ें – पुरुषों में प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है )
टोंसिलाइटिस में कांचनार गुग्गुलु से लाभ
कांचनार गुग्गुलु के सेवन से टोंसिलाइटिस में फायदा होता है .
कांचनार गुग्गुल के नुकसान
विभिन्न रोगों में काम आने वाली आयुर्वेद औषधि कांचनार गुग्गुलु सही मात्रा में नहीं लेने एवं बिना चिकित्सकीय सलाह के लेने पर शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है . आइये जानते हैं किन परिस्थितियों में कांचनार गुग्गुल के नुकसान हो सकते हैं –
- कांचनार गुग्गुलु के अधिक सेवन से सिर दर्द , उल्टी आदि हो सकते हैं .
- जिन लोगों को कचनार से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से हानि हो सकती है इसलिए उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए .
- गर्भवती स्त्रियों को भी कांचनार गुग्गुलु के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है .
- बच्चों को कांचनार गुग्गुलु की सीमित मात्रा चिकित्सकीय देख रेख में ही देनी चाहिए .
कांचनार गुग्गुल सेवन विधि
औषधि के रूप में कांचनार का प्रयोग निम्नानुसार किया जाता है –
कांचनार गुग्गुलु की गोलियां – 2-2 सुबह शाम भोजन के बाद , पानी के साथ अथवा रोगानुसार अनुपान यथा खादिरादि क्वाथ आदि से .
कांचनार की पत्तियों का रस – 10-20 ml
कांचनार का चूर्ण – 2- 5 ग्राम
कांचनार का क्वाथ ( काढा ) – 30- 50 ml
FAQ
प्रश्न – कांचनार गुग्गुल का सेवन कैसे करें ?
उत्तर – कांचनार गुग्गुलु की दो दो गोलियां सुबह शाम लेनी चाहिए , यह वयस्क की मात्रा है . रोग की स्थिति के अनुसार मात्रा कम या अधिक हो सकती है . इसलिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेवन करना चाहिए .
प्रश्न – कचनार गूगल खाने से क्या फायदा होता है ?
उत्तर – कांचनार गुग्गुलु एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका प्रयोग शरीर में कहीं गाँठ होने पर , त्वचा रोगों में , प्रोस्टेट में , बवासीर आदि में किया जाता है
प्रश्न – कचनार वजन घटाने के लिए अच्छा है ?
उत्तर – जी हाँ , कचनार में मेदोहर और स्थूलता नाशक गुण पाए जाते हैं . इसलिए इसका सेवन वजन कम करने में सहायक होता है .
दोस्तों , आज के लेख में हमने ” कांचनार गुग्गुल के फायदे और नुकसान ” के बारे में समझा . यदि जानकारी अच्छी लगी हो तो दोस्तों से शेयर करें . अगले लेख में अन्य किसी उपयोगी जानकारी के साथ हाजिर होंगे .
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